कोलंबिया विमान दुर्घटना : मौत से बचने वाले 4 बच्चों की कहानी, जो किसी चमत्कार से कम नहीं लगती

by eMag360

अमेजन प्रांत के सैन जोस डेल शहर में 7 लोगों को लेकर जा रहा एक Cessna 206 विमान इंजन में खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमे 2 पायलट 1 महिला व उसके 4 बच्चे सवार थे, जिसमें लगभग हर यात्री की मौत हो गई थी, लेकिन 40 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद 4 बच्चों के जिंदा मिलने की खबर सच्ची राहत थी। 13, 9, 4 साल और 11 महीने के चार बच्चे जिंदा पाए गए। तीन लोग मृत पाए गए जिनमें 2 पायलट और बच्चों की मागदालेना की मां शामिल हैं। उनके शव विमान के अंदर बरामद किए गए।

2 पायलटों और बच्चों की मां की मौत की खबर पहले ही घोषित की गई थी लेकिन लापता बच्चों की तलाश मुख्य फोकस थी, क्यूंकि बचाओ दल को अभी तक उन 4 बच्चो के शरीर नहीं मिले थे। बचाव अभियान दल में 100 सैनिकों और स्थानीय लोगों का एक संयोजन था, व कुछ खोजी कुत्तों भी सहारा लिया जा रहा था, सभी बचाव कार्य में लगे हुए थे।

फिर हुआ एक चमत्कार :

पहले तो राष्ट्रपति पेट्रो ने इस घटना के बारे में दावा करते हुए ट्वीट किया कि सेना द्वारा त्वरित खोज के कारण 4 बच्चों को बचाया गया, पर बाद में उन्होंने ट्वीट को हटा दिया क्योंकि उनके पास कोई पुष्ट समाचार नहीं था। जैसे-जैसे सर्च ऑपरेशन तेज किया गया, बचाव कर्मियों ने पैरों के छोटे-छोटे निशान देखे, बचावकर्मियों ने झाड़ियों और लाठियों से बना एक आश्रय देखा, उन्हें यकीन था कि बचे लोगों ने इसे बनाया है, लगभग 40 दिन की खोज के बाद उन्हें बच्चे जीवित मिल गए । जगुआर, सांप और अन्य शिकारियों की भूमि में उन्हें जीवित पाकर बचाव दल हैरान रह गए।

ये वाकई देने वाली बात है की कैसे महज़ एक 13 साल के बच्चे ने अपने 9, 4 साल और एक 11 महीने के बच्चो को 40 दिनों तक संरक्षित किया होगा वो भी ऐसे अमेज़न जंगल में जिसको दुनिया के सबसे खतरनाक जंगलो में जाना जाता है।

कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने जब इस खबर की पुष्टि की कि बचाव दल को 4 बच्चे जीवित मिले हैं, तो राष्ट्र ने अपनी शुभकामनायें भेजना शुरू कर दिया। बच्चों को कोलंबिया के कैक्वेटा और गुआवियारे प्रांतों के बीच सीमा के पास सैन्य बचाव अभियान द्वारा बचाया गया था, राष्ट्रपति पेट्रो ने बचाव दल को इकट्ठा करने के बाद कहा, “यह वास्तव में एक जादुई दिन है”, आगे उन्होंने कहा कि “वे चारों बच्चे बिलकुल अकेले थे, फिर भी इतनी विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने खुद को जीवित रखने का एक उदाहरण पेश किया जो इतिहास में दर्ज रहेगा”।

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