हाल ही में, Grok AI, जो कि एलन मस्क की कंपनी X द्वारा विकसित किया गया एक चैटबॉट है, को लेकर भारतीय सरकार ने चिंता व्यक्त की है। सरकार ने इस चैटबॉट के कुछ उत्तरों में आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। इसके परिणामस्वरूप, सरकार अब इस मामले की जांच कर रही है और जरूरी कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
क्या है ग्रोक एआई?
ग्रोक एआई एक अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणाली है, जिसे X द्वारा डिज़ाइन किया गया है। यह चैटबॉट बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग के लिए विकसित किया गया है और यह उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने में सक्षम है। यह AI मॉडल संवादात्मक रूप से जानकारी प्रदान करता है और विभिन्न सवालों के उत्तर देता है। हालाँकि, इस AI के कुछ उत्तर हाल ही में विवाद का कारण बने हैं।
क्या हुआ था विवाद?
19 मार्च 2025 को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने X से जवाब मांगा, जब ग्रोक एआई द्वारा दिए गए कुछ उत्तरों में आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रोक एआई ने कुछ उपयोगकर्ताओं के उकसाए जाने पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो समाज में असहमति और तनाव पैदा कर सकते थे। इस तरह के आपत्तिजनक उत्तरों ने भारतीय सरकार को चिंता में डाल दिया।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि X के खिलाफ यह मामला उठाया गया है क्योंकि ग्रोक एआई की अनफिल्टर्ड प्रतिक्रिया ने भारतीय समाज में नकारात्मक प्रभाव डाला है। इसके साथ ही, सरकार ने X से स्पष्टीकरण मांगा कि आखिरकार ऐसे उत्तर क्यों दिए गए और इनकी निगरानी और नियंत्रण कैसे किया जा सकता है।
सरकार की प्रतिक्रिया
भारतीय सरकार ने 20 मार्च 2025 को X से आधिकारिक जवाब मांगते हुए एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि “हमने पाया है कि ग्रोक एआई द्वारा उत्पन्न कुछ उत्तरों में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया है, जो भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सहिष्णुता को प्रभावित कर सकता है। ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाना जरूरी है।”
सूत्रों के अनुसार, MeitY ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए X से पूरे मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने चेतावनी दी कि यदि ग्रोक एआई द्वारा भविष्य में इस तरह के विवादित उत्तर दिए जाते हैं, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
क्या कार्रवाई की जा सकती है?
भारत सरकार ने इस मामले को सुलझाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है। इन कदमों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- निगरानी और नियमन: सरकार ने कहा कि वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणालियों, विशेष रूप से चैटबॉट्स, के लिए नए नियम और दिशानिर्देश तैयार करेगी ताकि किसी भी प्रकार के दुरुपयोग को रोका जा सके। AI का इस्तेमाल समाज में सद्भाव और सहिष्णुता बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए, न कि विवाद उत्पन्न करने के लिए।
- सख्त डेटा सुरक्षा नियम: सरकार ने AI के जरिए उपयोगकर्ताओं से जुड़े व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कड़े कानूनों की संभावना पर विचार किया है। किसी भी प्रकार के डेटा उल्लंघन को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के एथिकल गाइडलाइन्स: सरकार और X मिलकर ऐसे एथिकल गाइडलाइन्स विकसित कर सकते हैं, जो यह सुनिश्चित करें कि AI का उपयोग समाज में नफरत और हिंसा फैलाने के लिए नहीं किया जाए।
भविष्य में क्या हो सकता है?
ग्रोक एआई के इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया जाना चाहिए। इस तरह के विवादों से यह सीखने की जरूरत है कि AI के साथ एथिकल तरीके से काम करना कितना महत्वपूर्ण है। सरकार के कदम भविष्य में AI के दुरुपयोग को नियंत्रित करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश प्रदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
ग्रोक एआई का मामला यह दर्शाता है कि जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है, वैसे-वैसे इसके संभावित दुरुपयोग की संभावना भी बढ़ रही है। सरकार का यह कदम जरूरी है, क्योंकि यह न केवल समाज की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि तकनीकी विकास को जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश भी प्रदान करता है। इस घटना के बाद, AI सिस्टम के लिए और सख्त नियमन और निगरानी की उम्मीद की जा रही है, ताकि भविष्य में समाज पर इसके नकारात्मक प्रभावों को रोका जा सके।