टाइम ट्रैवल सच है या सपना? भौतिकी के नियम और वर्महोल से जानें समय यात्रा का रहस्य

by eMag360

क्या आपने कभी सोचा कि टाइम मशीन बनाकर अतीत में अपने स्कूल के दिनों को ठीक कर सकते हैं या भविष्य में जाकर देख सकते हैं कि आपका पसंदीदा गेम कितना बदल गया? समय यात्रा का विचार हर किसी को रोमांचित करता है। लेकिन क्या भौतिकी इसे सचमुच संभव मानती है? चलिए, इसे आसान और मजेदार तरीके से समझते हैं।


समय का टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता

भौतिकी में समय कोई साधारण चीज़ नहीं है। आइंस्टीन ने कहा कि समय और जगह एक साथ जुड़े हैं, जैसे एक बड़ा कंबल जिसे “स्पेस-टाइम” कहते हैं। और यह कंबल हमेशा सीधा नहीं रहता—यह गति और गुरुत्वाकर्षण से मुड़ता है। मज़ेदार बात यह है कि यह सिर्फ किताबों की बात नहीं। इसे सच में आज़माया जा चुका है!


हवाई जहाज़ और समय का खेल

1971 में, वैज्ञानिकों ने दो परमाणु घड़ियों का उपयोग करके इस सिद्धांत का परीक्षण किया। एक घड़ी को जमीन पर रखा गया, जबकि दूसरी को एक तेज़ उड़ान भरते विमान में ले जाया गया। जब विमान वापस लौटा, तो उसमें रखी घड़ी जमीन वाली घड़ी से थोड़ा पीछे थी। यह अंतर बहुत छोटा था, लेकिन यह साबित करता है कि समय यात्रा, कम से कम भविष्य की ओर, तकनीकी रूप से संभव है। अगर हम बहुत तेज़ गति से यात्रा करें, जैसे प्रकाश की गति के करीब, तो हमारे लिए समय धीमा हो सकता है, और जब हम लौटें तो पृथ्वी पर कई साल बीत चुके होंगे।


अंतरिक्ष यात्री और उनकी जवानी

अंतरिक्ष यात्री इस मामले में और लकी हैं। 2015-16 में नासा के स्कॉट केली अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 340 दिन रहे। वहाँ तेज़ गति और कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से उनका समय पृथ्वी से थोड़ा धीमा चला। जब वे लौटे, तो तकनीकी रूप से वे अपने जुड़वाँ भाई से कुछ मिलीसेकंड “जवान” थे। यह भविष्य की छोटी-सी यात्रा थी!


ब्लैक होल: समय का जादूगर

ब्लैक होल तो समय के साथ और मज़ेदार खेल करते हैं। उनके पास गुरुत्वाकर्षण इतना ताकतवर होता है कि समय वहीं रुक-सा जाता है। फिल्म इंटरस्टेलर में दिखाया गया कि ब्लैक होल के पास कुछ घंटे बिताने पर पृथ्वी पर साल बीत जाते हैं। यह फिल्मी बात सच पर आधारित है—सामान्य सापेक्षता इसे सही ठहराती है।


वर्महोल: समय का शॉर्टकट?

अब बात करते हैं वर्महोल की। यह अंतरिक्ष-समय में एक काल्पनिक सुरंग है जो दो दूर के बिंदुओं को जोड़ सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर वर्महोल सच में हो, तो शायद यह अतीत या भविष्य का रास्ता खोल दे। 2023 में कैलटेक के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में बताया कि क्वांटम कंप्यूटर पर वर्महोल जैसा प्रभाव बनाया जा सकता है। यह असली वर्महोल नहीं था, लेकिन यह दिखाता है कि हम इस दिशा में सोच रहे हैं।


घूमते ब्लैक होल का रहस्य

क्या आप जानते हैं कि कुछ ब्लैक होल तेज़ी से घूमते हैं? 2021 में खगोलशास्त्रियों ने “GRS 1915+105” नाम के एक ब्लैक होल को देखा, जो अपनी धुरी पर इतनी तेज़ी से घूम रहा था कि वह अंतरिक्ष-समय को “खींच” रहा था। सिद्धांत कहता है कि ऐसे ब्लैक होल समय को पीछे ले जा सकते हैं। हालाँकि, वहाँ पहुँचना अभी सपना ही है।


क्वांटम की दुनिया में समय

क्वांटम मैकेनिक्स छोटे कणों की बात करती है। 2022 में एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने क्वांटम कणों को समय में “उल्टा” चलते देखा—लेकिन यह सिर्फ सूक्ष्म स्तर पर था। बड़े स्तर पर ऐसा करना अभी दूर की कौड़ी है। फिर भी, यह दिखाता है कि समय हमेशा सीधा नहीं चलता।


दादाजी का क्या होगा?

अतीत में जाने की बात हो तो “ग्रैंडफादर पैराडॉक्स” आड़े आता है। अगर आप अतीत में जाकर अपने दादाजी को रोक दें, तो आप पैदा कैसे होंगे? कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि शायद हर बदलाव से नई दुनिया बनती है। 2023 में क्वांटम भौतिकी की एक स्टडी ने इस “मल्टीवर्स” विचार को मज़बूत किया, पर पक्का सबूत अभी बाकी है।


असली चुनौती क्या है?

समय यात्रा के लिए ऊर्जा चाहिए—बहुत सारी! वर्महोल को खुला रखने के लिए “नकारात्मक ऊर्जा” चाहिए, जो थोड़ी-सी ही बनाई जा सकी है। 2024 में एमआईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि हमें अभी ऐसी तकनीक चाहिए जो सूरज से भी ज़्यादा ऊर्जा दे सके। तो अभी तो बस इंतज़ार ही करना है।


क्या कहती है भौतिकी?

तो कुल मिलाकर, भौतिकी कहती है कि भविष्य में जाना मुमकिन है—अंतरिक्ष यात्री और हवाई जहाज़ वाले प्रयोग इसका सबूत हैं। अतीत में जाने की बात सिद्धांतों में फिट बैठती है, लेकिन करना मुश्किल है। वैज्ञानिक आज भी इस पर रिसर्च कर रहे हैं, और शायद भविष्य में कोई नया खुलासा हो। तब तक, समय यात्रा हमारे लिए एक मज़ेदार पहेली है—जो सोचने में तो आसान है, पर सच करना बड़ा टेढ़ा काम है!

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